, [ हिन्दु ने हाकल ]
रचना - चमन गज्जर
( छंद - हरीगीत )
भडवीर वंशज भरत ना संतान राजा राम ना,
गाजी रह्या पडघा ने फरक्या नेज जेना नाम ना,
ईतिहास वातो उजळी जेनी भोमनी माथे भरी,
ओ जाग हिन्दु जाग तारी उंघने आघी करी.
मंदिर ने महादेव ना पारसाद पण पाड्या परा,
वरसो थयां वेठी रह्या आतंक जेना आकरा,
तलवार धर तैयार वहेती खार कर रगतां खरी,
ओ जाग हिन्दु जाग तारी उंघने आघी करी.
डरजे नही दलथी जरी ताती अगन नो ताप तुं,
दिखलाव दुनिया ने हवे बाधी दणीनो बाप तुं,
वेतरण धारे वाढ धर पर दे ढगा धडना धरी,
ओ जाग हिन्दु जाग तारी उंघने आघी करी.
कर कोप काळो कृर था वरखा अगन वरषाव तुं,
शिवराज सी समशेर लई दाढी रदय दहलाव तुं,
धर ने धरम कज कर धिंगाणुं प्राण दई दे परहरी,
ओ जाग हिन्दु जाग तारी उंघने आघी करी.
क्रमश:
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