Saturday 29 October 2016

ગઝલ

बिंबना छूटी जवाना कारणो  आपो
आयनो फूटी जवाना कारणो आपो

आपी शकशो कारणो दावा दलीलोथी
तर्कना  तूटी  जवाना  कारणो  आपो

काव्यनी  देवी  बधाने  पूछती-रडती
छाती आ कूटी जवाना कारणो आपो

मारी अंदर हुं ऊभो रही जाउं छुं ऐमज
मार्ग सहु खूटी जवाना कारणो  आपो

आ अटूला ऐकला ऐवा स्थले आव्या
काफलो लूंटी जवाना कारणो आपो

            भरत भट्ट

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