रोके हे मुजको फरज बडा देखलो जरा
थमसा गया है वकत मेरा देखलो जरा
सरपे खड़ी है गमकी घटा देखलो जरा
कैसे निभावुं अपनी वफा देखलो जरा
आके खडा फसल की तीजारत का मामला
मंदी का दौर भी है अडा देखलो जरा
मिलने की लम्हे भरकी फुरसत नहीं मुजे
वकती सीतममें हु मे गीरा देखलो जरा
लब पे है मेरे ये दुवा पाउ निजात में
सरपे रहे करम की अता देखलो जरा
कोशिश है गमसे मासूम रीहाइ नसीब हो
मिलता रहुं सभी से सदा देखलो जरा।
मासूम मोडासवी
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