गज़ल
दुसरो के लिए खुद भी कभी जलना पडता है |
हसाने के लिये सबको, हमे ही रोना पडता है |
दूर हो जाये अगर सब साथ चलते राहगुजर,
अकेले है तो अकेले ही हमें बस चलना पडता है |
वैसे ते सब चाहते है एक-दूजे को,
है चाहत दिलमें तो उसे दिखाना पडता है |
नये फूल पत्तियॉ वसंत के पाना है उसे तो,
हरबार पतझरमें उसे भी झरना पडता है |
पाना है अगर आँसमा के चाँद सितारे को,
हारे बिना 'नसीब' को आजमाना पडता है|
देवीदास अग्रावत 'नसीब'
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