Sunday 19 November 2017

છંદ

ll अजो  ll

भूचर केरा भारथै, बदलाया बाबी'ह
शशिवंशी तुं सिंह, एक लड्यो रणमां अजा

हद कोका हालारकी, जोया जाडेजा'ह
एनी मांय अजा'ह, नड्यो नरपतराउत

लग्न तजा पे'ली लजा, फेरे राख रजा'ह
अरजा उपर अजा'ह, ना क्ये नरपतराउत

हरा मुलक हालारमें ,ढौल बज्या धर ध्रोल
टोचे रखियो तोल, अंबर नरपतवत अजा

(सारसी)

वरमाळ छाती सुमधमाती यति ययाती वत पडी
मंगल प्रसंगे सुगम रंगे वर बरंगे कळि खडी
खटकी खबर अरि चड्या निज धर अण सबर सिस लै सजा
अणसहिय भूचर समरमे मर अमर रहियो जग अजा

माता पिता सम धर हितावह सिता सम जळगी सती
जदु जाम वत रघु राम सम तुं शूर त्यागी संपती
हद जोम रोमेरोम फरकत लग्न रख लीधी रजा
अणसहिय भूचर समरमे मर अमर रहियो जग अजा

-धार्मिक जासिल "मयूख"

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