ये अजनबी जो बनके हमारा मिलातो है,
जो दोस्ति का बनके सहारा मिलातो है
रातों को घुमते थे उजालों की आस में
शद शुक्र मुकदर का सितारा मिलातो है
आंखो मे बस गइ हैं रोनकें तमाम
जो भा गया नजर को नजारा मिलातो है
तन्हा चलेथे कोइ शरीके सफर नथा
जागे नसीब साथ तुम्हारा मिलातो है
मासूम होसले की मेरे दाद दीजीये
आये भंवर से बचके किनारा मिलातो है।
मासूम मोडासवी।
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