दिल के दबे जज्बात रुलाने चले आये,
गम से भरे हालात सताने चले आये।
खामोश पड़ी साजकी धुनथी अभी तक
गाकर वही नग्मात सुनाने चले आये।
मरमरके जीये जानेका सबब उनसे छुपाथा
सब गुजरे हुवे हालात बताने चले आये।
हमनेतो कही लेकिन अपनी भी सुना दो
अब हम ये सवालात उठाने चले आये।
हमको तो जमाने ने कइ जख्म दिये हैं
वो दागो के निशानात दीखाने चले आये।
मासूम बड़ी शोख तबियत के हैं मालिक
महेफील में जो सदमात भुलाने चले आये।
मासूम मोडासवी
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