हसना तेरा कितना प्यारा लगता है,
तुही अबतो अपना यारा लगता है।
तुने समजा जबसे मेरा हाल सनम,
बदला बदला मंजर सारा लगता है ।
वकत ने फीर से दोहराया अफसाने को,
मनको छुता देख नजारा लगता है
वो समजते हैं हाल हमारा अब जाकर,
सीधा बहेता वक्त का धारा लगता है ।
मासूम गम की रातें भारी गुजरी हैं,
तनहा जैसे वकत गुजारा लगता है ।
मालूम मोडासवी
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